Government schemes : सरकार की इन योजनाओं से किसानों को मिलेगा लाभ, जानिए कैसे

BY Nishu Rohilla

Published On:

Government schemes

Government schemes: भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां लगभग 58% आबादी अपनी आजीविका के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर है।

देश की अर्थव्यवस्था और खाद्य सुरक्षा में किसानों के महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए, सरकार ने समय-समय पर किसानों के कल्याण और कृषि क्षेत्र के विकास के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की हैं।

इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना, उन्हें आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना और कृषि क्षेत्र को अधिक टिकाऊ और लाभदायक बनाना है।

वर्तमान समय में, जलवायु परिवर्तन, बाजार की अनिश्चितताओं और आर्थिक चुनौतियों के बीच किसानों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

ऐसे में सरकारी योजनाएं किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण सहायता के रूप में काम करती हैं। इस लेख में, हम ऐसी प्रमुख सरकारी योजनाओं पर चर्चा करेंगे, जिनका लाभ किसान उठा सकते हैं और अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत बना सकते हैं।

Government schemes: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN)

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना वर्तमान में चल रही सबसे महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है, जिसे फरवरी 2019 में शुरू किया गया था।

इस योजना के तहत, सभी पात्र किसान परिवारों को प्रति वर्ष 6,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जो तीन समान किस्तों (2,000 रुपये प्रति किस्त) में सीधे उनके बैंक खातों में स्थानांतरित की जाती है।

योजना के प्रमुख लाभ

  1. प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता: यह योजना किसानों को सीधे आर्थिक सहायता प्रदान करती है, जिससे वे अपनी आवश्यकताओं के अनुसार इसका उपयोग कर सकते हैं।
  2. बिचौलियों की अनुपस्थिति: DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से राशि सीधे किसानों के खातों में पहुंचती है, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त होती है।
  3. कृषि निवेश में सहायता: किसान इस राशि का उपयोग बीज, उर्वरक, कीटनाशक जैसे कृषि आदानों की खरीद के लिए कर सकते हैं।
  4. व्यापक कवरेज: इस योजना में छोटे और सीमांत किसानों सहित सभी भूमिधारक किसान शामिल हैं।

पात्रता और आवेदन प्रक्रिया

PM-KISAN योजना का लाभ उठाने के लिए, किसानों को निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करना होगा:

  • आवेदक भारत का नागरिक होना चाहिए।
  • आवेदक के पास कृषि योग्य भूमि होनी चाहिए।
  • उच्च आय वर्ग से संबंधित लोग, जैसे सरकारी कर्मचारी, पेशेवर, आदि इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं।

आवेदन प्रक्रिया काफी सरल है। किसान अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC), ग्राम पंचायत कार्यालय या कृषि विभाग के कार्यालय में जाकर आवेदन कर सकते हैं। वे PM-KISAN की आधिकारिक वेबसाइट (www.pmkisan.gov.in) पर ऑनलाइन भी आवेदन कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY)

प्राकृतिक आपदाओं, कीट और रोगों के कारण फसल के नुकसान से किसानों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए 2016 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू की गई थी। यह योजना किसानों को व्यापक बीमा कवर प्रदान करती है और फसल के नुकसान के मामले में वित्तीय सहायता सुनिश्चित करती है।

योजना के प्रमुख लाभ

  1. कम प्रीमियम, अधिक कवरेज: किसानों को खरीफ फसलों के लिए केवल 2%, रबी फसलों के लिए 1.5% और वाणिज्यिक एवं बागवानी फसलों के लिए 5% प्रीमियम का भुगतान करना होता है।
  2. व्यापक जोखिम कवरेज: यह योजना बुवाई से पहले से लेकर कटाई के बाद तक के नुकसान को कवर करती है, जिसमें प्राकृतिक आपदाएं, कीट और रोग शामिल हैं।
  3. तकनीकी उपयोग: सैटेलाइट इमेजरी, ड्रोन और स्मार्टफोन का उपयोग फसल के नुकसान के आकलन के लिए किया जाता है, जिससे क्लेम निपटान प्रक्रिया तेज और पारदर्शी होती है।
  4. अनिवार्य नहीं: 2020 के संशोधनों के बाद, यह योजना अब सभी किसानों के लिए अनिवार्य नहीं है, बल्कि स्वैच्छिक है।

पात्रता और आवेदन प्रक्रिया

PMFBY का लाभ उठाने के लिए:

  • किसान को उस फसल के लिए आवेदन करना होगा, जिसे वह बीमित करना चाहता है।
  • ऋणी किसानों के लिए, बैंक द्वारा स्वचालित रूप से बीमा किया जाता है, जबकि गैर-ऋणी किसानों को स्वयं आवेदन करना होता है।
  • आवेदन ऑनलाइन या नजदीकी बैंक, कॉमन सर्विस सेंटर या बीमा कंपनी के माध्यम से किया जा सकता है।
  • आवेदन करते समय, किसानों को अपनी फसल, भूमि के विवरण और बैंक खाते की जानकारी प्रदान करनी होती है।

किसान क्रेडिट कार्ड (KCC)

किसान क्रेडिट कार्ड योजना 1998 में शुरू की गई थी, लेकिन इसमें समय-समय पर कई संशोधन किए गए हैं। इस योजना का उद्देश्य किसानों को आसान और सस्ती ऋण सुविधा प्रदान करना है, ताकि वे अपनी कृषि आवश्यकताओं को पूरा कर सकें।

योजना के प्रमुख लाभ

  1. आसान ऋण उपलब्धता: किसानों को बिना किसी जटिल प्रक्रिया के कृषि गतिविधियों के लिए ऋण मिल जाता है।
  2. लचीला पुनर्भुगतान: किसान अपनी फसल की कटाई के बाद ऋण चुका सकते हैं, जिससे वित्तीय बोझ कम होता है।
  3. कम ब्याज दर: 3 लाख रुपये तक के ऋण पर 4% की रियायती ब्याज दर (समय पर भुगतान करने पर 3%) लागू होती है।
  4. व्यापक कवरेज: अब इसमें पशुपालन, मत्स्य पालन और डेयरी जैसी संबद्ध गतिविधियां भी शामिल हैं।
  5. रुपे डेबिट कार्ड: KCC धारकों को रुपे डेबिट कार्ड दिया जाता है, जिससे वे ATM से पैसे निकाल सकते हैं और POS टर्मिनल पर भुगतान कर सकते हैं।

पात्रता और आवेदन प्रक्रिया

KCC के लिए आवेदन करने के लिए:

  • किसान को अपने नजदीकी बैंक में जाकर KCC आवेदन फॉर्म भरना होगा।
  • आवश्यक दस्तावेज, जैसे पहचान प्रमाण, पता प्रमाण, भूमि के दस्तावेज, आदि जमा करने होंगे।
  • बैंक द्वारा आवेदन की जांच के बाद, पात्र किसानों को क्रेडिट कार्ड जारी किया जाता है।
  • अब किसान ऑनलाइन या नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से भी आवेदन कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY)

सिंचाई सुविधाओं में सुधार और जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए 2015 में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना शुरू की गई थी। इस योजना का उद्देश्य “हर खेत को पानी” और “प्रति बूंद अधिक फसल” है।

योजना के प्रमुख लाभ

  1. सिंचाई क्षमता का विस्तार: योजना का उद्देश्य देश में सिंचाई के तहत क्षेत्र का विस्तार करना है।
  2. जल उपयोग दक्षता में सुधार: माइक्रो-इरिगेशन सिस्टम जैसे ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई को बढ़ावा देकर जल उपयोग दक्षता बढ़ाई जाती है।
  3. जल संरक्षण: जल संचयन, जल प्रबंधन और भूजल पुनर्भरण के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाता है।
  4. एकीकृत दृष्टिकोण: योजना खेत स्तर पर जल स्रोतों का निर्माण, वितरण नेटवर्क और खेत स्तर पर अनुप्रयोगों को एक साथ जोड़ती है।

योजना के घटक और कार्यान्वयन

PMKSY के चार प्रमुख घटक हैं:

  1. त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (AIBP): बड़ी और मध्यम सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करना।
  2. हर खेत को पानी (HKKP): छोटे जल निकायों का निर्माण, जल वितरण नेटवर्क और कमांड क्षेत्र विकास।
  3. प्रति बूंद अधिक फसल (PDMC): माइक्रो-इरिगेशन सिस्टम के लिए सब्सिडी और प्रोत्साहन।
  4. जलग्रहण विकास (WDC): वर्षा जल संचयन, मिट्टी और नमी संरक्षण, और जलग्रहण प्रबंधन।

किसान इस योजना का लाभ उठाने के लिए अपने स्थानीय कृषि विभाग या जिला ग्रामीण विकास एजेंसी से संपर्क कर सकते हैं।

परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY)

जैविक खेती को बढ़ावा देने और रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग को कम करने के लिए 2015 में परंपरागत कृषि विकास योजना शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य पारंपरिक स्वदेशी प्रथाओं का उपयोग करके टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देना है।

योजना के प्रमुख लाभ

  1. जैविक खेती को प्रोत्साहन: योजना किसानों को रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के बिना खेती करने के लिए प्रोत्साहित करती है।
  2. क्लस्टर दृष्टिकोण: किसानों के समूहों या क्लस्टर्स को प्रशिक्षण और संसाधन प्रदान किए जाते हैं।
  3. प्रमाणन सहायता: जैविक प्रमाणन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिससे किसानों को अपने उत्पादों के लिए बेहतर मूल्य मिलता है।
  4. मूल्य संवर्धन और विपणन: जैविक उत्पादों के मूल्य संवर्धन और विपणन के लिए सहायता प्रदान की जाती है।

कार्यान्वयन और पहुंच

PKVY को “क्लस्टर” दृष्टिकोण के माध्यम से कार्यान्वित किया जाता है, जहां प्रत्येक क्लस्टर में 20 हेक्टेयर की भूमि पर 50 या अधिक किसान शामिल होते हैं। किसानों को जैविक खेती के तरीकों, जैविक आदानों के उत्पादन, और प्रमाणन प्रक्रियाओं पर प्रशिक्षण दिया जाता है।

किसान इस योजना का लाभ उठाने के लिए अपने स्थानीय कृषि विभाग या कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क कर सकते हैं।

ई-नाम (राष्ट्रीय कृषि बाजार)

किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद करने और मध्यस्थों की भूमिका को कम करने के लिए 2016 में ई-नाम (इलेक्ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट) लॉन्च किया गया था। यह एक ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है जो देश भर की विभिन्न मंडियों को जोड़ता है।

योजना के प्रमुख लाभ

  1. बेहतर मूल्य खोज: किसान अपनी उपज के लिए राष्ट्रीय स्तर पर खरीदारों तक पहुंच सकते हैं, जिससे बेहतर मूल्य मिलता है।
  2. पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया: ऑनलाइन नीलामी प्रक्रिया पारदर्शी होती है, जिससे किसानों को उचित मूल्य मिलता है।
  3. ऑनलाइन भुगतान: प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन भुगतान की सुविधा है, जिससे किसानों को तत्काल भुगतान मिलता है।
  4. गुणवत्ता मानकीकरण: उपज की गुणवत्ता का मानकीकरण किया जाता है, जिससे उचित मूल्य निर्धारण में मदद मिलती है।

पंजीकरण और उपयोग

किसान ई-नाम का उपयोग करने के लिए:

  • नजदीकी ई-नाम मंडी में जाकर पंजीकरण करा सकते हैं।
  • पंजीकरण के लिए आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण और मोबाइल नंबर की आवश्यकता होती है।
  • पंजीकृत किसान अपनी उपज मंडी में ला सकते हैं, जहां इसकी गुणवत्ता का आकलन किया जाता है और ऑनलाइन नीलामी के लिए उपलब्ध कराया जाता है।
  • नीलामी के बाद, किसानों को उनके बैंक खातों में सीधे भुगतान किया जाता है।

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY)

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) को 2007 में शुरू किया गया था और अब इसे RKVY-RAFTAAR (Remunerative Approaches for Agriculture and Allied Sector Rejuvenation) के रूप में पुनर्गठित किया गया है।

इस योजना का उद्देश्य कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में सार्वजनिक निवेश को बढ़ावा देना और किसानों की आय को दोगुना करने में मदद करना है।

योजना के प्रमुख लाभ

  1. राज्यों को लचीलापन: राज्यों को अपनी आवश्यकताओं के अनुसार कृषि परियोजनाओं को विकसित करने की स्वतंत्रता दी गई है।
  2. बुनियादी ढांचा विकास: फसल उत्पादन, भंडारण, प्रसंस्करण और विपणन के लिए बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
  3. नवाचार और उद्यमिता: युवाओं को कृषि उद्यमिता में शामिल करने के लिए प्रोत्साहन और सहायता प्रदान की जाती है।
  4. मूल्य संवर्धन: कृषि उत्पादों के मूल्य संवर्धन पर विशेष ध्यान दिया जाता है, जिससे किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलती है।

लाभ प्राप्त करने की प्रक्रिया

RKVY-RAFTAAR के तहत, किसान और उद्यमी निम्नलिखित तरीकों से लाभ प्राप्त कर सकते हैं:

  • राज्य कृषि विभाग द्वारा कार्यान्वित परियोजनाओं में भाग लेकर।
  • कृषि व्यवसाय इनक्यूबेशन केंद्रों के माध्यम से स्टार्टअप सहायता प्राप्त करके।
  • कृषि क्लीनिक और कृषि व्यवसाय केंद्रों की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त करके।

सोइल हेल्थ कार्ड योजना

मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार और उर्वरकों के उचित उपयोग को बढ़ावा देने के लिए 2015 में सोइल हेल्थ कार्ड योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत, किसानों को उनकी मिट्टी के स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में जानकारी दी जाती है और उर्वरकों के उचित उपयोग के लिए सिफारिशें की जाती हैं।

योजना के प्रमुख लाभ

  1. मिट्टी की स्वास्थ्य जानकारी: किसानों को उनकी मिट्टी के पोषक तत्वों की स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी मिलती है।
  2. उर्वरक सिफारिशें: मिट्टी के परीक्षण के आधार पर, फसल-विशिष्ट उर्वरक सिफारिशें प्रदान की जाती हैं।
  3. लागत में कमी: उचित उर्वरक उपयोग से किसानों की लागत कम होती है और मिट्टी की स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  4. उत्पादकता में वृद्धि: संतुलित पोषक प्रबंधन से फसल उत्पादकता में वृद्धि होती है।

सोइल हेल्थ कार्ड प्राप्त करने की प्रक्रिया

किसान सोइल हेल्थ कार्ड प्राप्त करने के लिए:

  • अपने स्थानीय कृषि विभाग या कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क कर सकते हैं।
  • मिट्टी के नमूने लेने के लिए अनुरोध कर सकते हैं।
  • नमूनों का विश्लेषण किया जाता है और परिणामों के आधार पर सोइल हेल्थ कार्ड जारी किया जाता है।
  • किसान ऑनलाइन पोर्टल (www.soilhealth.dac.gov.in) पर अपने सोइल हेल्थ कार्ड की स्थिति की जांच कर सकते हैं।

Government schemes: निष्कर्ष

भारत सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न योजनाएं किसानों के लिए महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करती हैं। ये योजनाएं न केवल किसानों की आय बढ़ाने और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने में मदद करती हैं, बल्कि कृषि क्षेत्र के समग्र विकास में भी योगदान देती हैं।

हालांकि, इन योजनाओं का पूरा लाभ उठाने के लिए, किसानों को इनके बारे में पूरी जानकारी होना आवश्यक है। सरकार, गैर-सरकारी संगठनों और कृषि विस्तार सेवाओं को इन योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने और किसानों को आवेदन प्रक्रिया में सहायता प्रदान करने की आवश्यकता है।

इसके अलावा, इन योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए बेहतर निगरानी और मूल्यांकन तंत्र की आवश्यकता है। तकनीकी समाधानों का उपयोग करके, योजनाओं के लाभों को अधिक पारदर्शी और कुशल तरीके से किसानों तक पहुंचाया जा सकता है।

अंत में, किसानों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आगे आना चाहिए। उन्हें अपने स्थानीय कृषि विभाग, बैंकों और सरकारी एजेंसियों से नियमित रूप से संपर्क करके इन योजनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करनी चाहिए और आवश्यक कागजात तैयार रखने चाहिए।

भारत की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, इन सरकारी योजनाओं का प्रभावी उपयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है।

सरकार, किसान और अन्य हितधारकों के संयुक्त प्रयासों से ही हम भारतीय कृषि क्षेत्र को अधिक समृद्ध और टिकाऊ बना सकते हैं।

Also read this: 

Nokia company Transparent Smartphone launch with premium design

Leave a Comment