Indian Railways Rules : भारतीय रेलवे ने वर्ष 2025 में यात्रियों की सुविधा और रेल परिवहन की दक्षता बढ़ाने के लिए कई नए नियम लागू किए हैं। महाकुंभ के दौरान भीड़भाड़ की समस्याओं को देखते हुए रेल मंत्रालय ने ये निर्णय लिए हैं।
प्रतीक्षा सूची के टिकट धारकों के लिए नए नियम
सबसे बड़ा बदलाव प्रतीक्षा सूची (वेटिंग लिस्ट) के टिकट धारकों के लिए आया है। 1 मई 2025 से, प्रतीक्षा सूची के टिकट वाले यात्री अब स्लीपर और एसी कोचों में यात्रा नहीं कर सकेंगे। पहले ऑफलाइन प्रतीक्षा सूची टिकट धारकों को ट्रेन में चढ़ने की अनुमति थी, लेकिन अब यह प्रथा पूरी तरह बंद कर दी गई है।
यदि कोई यात्री प्रतीक्षा सूची के टिकट के साथ आरक्षित कोच में पाया जाता है, तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। एसी कोच में यात्रा करने पर 440 रुपये और स्लीपर कोच में 250 रुपये का जुर्माना देना होगा। इसके अतिरिक्त, ट्रेन की शुरुआती स्टेशन से अगले स्टेशन तक का यात्रा किराया भी अलग से वसूला जाएगा।
जुर्माने की राशि में बढ़ोतरी
ट्रेन में धूम्रपान के लिए जुर्माना पहले 200 रुपये था, जो अब बढ़कर 500 रुपये हो गया है। यह नियम सभी यात्रियों के लिए स्वस्थ और स्वच्छ माहौल बनाने के उद्देश्य से लाया गया है।
अतिरिक्त सामान के लिए भी नए नियम हैं। यदि कोई यात्री निर्धारित वजन से अधिक सामान लेकर यात्रा करता है और उसका पूर्व बुकिंग नहीं कराया है, तो अब उसे नियमित शुल्क से छह गुना अधिक शुल्क चुकाना होगा। विभिन्न श्रेणियों के लिए सामान की सीमा अलग है – फर्स्ट एसी में 70 किलो, सेकंड एसी में 50 किलो और थर्ड एसी में 40 किलो।
टिकट रद्दीकरण नीति में सुधार
टिकट रद्दीकरण के नियमों में भी महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। यदि कोई यात्री ट्रेन के प्रस्थान से 4 घंटे पहले अपना टिकट रद्द करता है, तो उसे टिकट के किराए का 25% शुल्क देना होगा। यह नियम अंतिम समय में रद्दीकरण को कम करने और अन्य यात्रियों के लिए सीटें उपलब्ध कराने के लिए बनाया गया है।
तत्काल टिकटों की रिफंड नीति भी कड़ी की गई है। अब तत्काल टिकटों पर रिफंड नहीं मिलेगा, जब तक कि ट्रेन रद्द न हो जाए, तीन घंटे से अधिक देरी न हो, या रूट में बदलाव के कारण यात्री अपने बोर्डिंग स्टेशन से न चूक जाए।
वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं के लिए विशेष व्यवस्था
नए नियमों में वरिष्ठ नागरिकों, गर्भवती महिलाओं, 45 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए विशेष कोटा निर्धारित किया गया है। हालांकि निचली बर्थ की गारंटी नहीं है, लेकिन हर कोच में इनके लिए विशेष कोटा रखा गया है, जिससे निचली बर्थ की उपलब्धता काफी बेहतर हो गई है।
डिजिटल भुगतान को बढ़ावा
रेलवे डिजिटल भुगतान के तरीकों को भी प्रोत्साहित कर रहा है। टिकट बुकिंग और ट्रेन में सेवाओं के लिए डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे लेन-देन अधिक सुरक्षित, आसान और पारदर्शी होगा।
रिफंड प्रक्रिया में तेजी
टिकट रद्दीकरण के बाद रिफंड की प्रक्रिया में भी सुधार हुआ है। अब रिफंड दो कार्य दिवसों के भीतर प्रोसेस हो जाएगा, जो पहले एक सप्ताह तक का समय लेता था। यह सुविधा ऑनलाइन और काउंटर दोनों बुकिंग के लिए उपलब्ध है, बशर्ते कि यह सीधे बैंक खाते से जुड़ी हो।
अग्रिम बुकिंग की अवधि
रेलवे टिकट की अग्रिम बुकिंग की अवधि भी बदली गई है। अब यात्रा की तारीख से 60 दिन पहले तक बुकिंग की जा सकती है। पहले यह अवधि 120 दिन थी, जिसे अब कम कर दिया गया है।
Indian Railways Rules : भारतीय रेलवे ने बदल दिया ये नियम
ये नए नियम भारतीय रेलवे में अनुशासन, दक्षता और निष्पक्षता लाने के उद्देश्य से बनाए गए हैं। यद्यपि प्रतीक्षा सूची के यात्रियों के लिए ये नियम कठोर लग सकते हैं, लेकिन ये समग्र रूप से रेल यात्रा को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक हैं। यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे यात्रा से पहले इन नियमों को अच्छी तरह समझ लें ताकि किसी भी प्रकार की परेशानी से बचा जा सके।